भिलाई | मिनल केडेकर | कवि शरद कोकास को कविता के लिए के लिए ठाकुर पूरन सिंह सूत्र -सम्मान 2024 भिलाई के कल्याण कालेज सभागृह में प्रदान किया गया | सभागृह में छत्तीसगढ़ के अन्य नगरों से आये मूर्धन्य साहित्यकारों की उपस्थिति महत्वपूर्ण थी ।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कवि - लेखक त्रिलोक महावर थे एवं अध्यक्षता कवि नासिर अहमद सिकन्दर ने की सुधीर शर्मा ,कवि - लेखक व हिन्दी विभाग के प्रमुख विशिष्ट अतिथि के रूप में कार्यक्रम में उपस्थित थे | कवि शरद कोकस के कवि कर्म पर नासिर अहमद सिंकदर, रजत कृष्ण, कमलेश्वर साहू और अजय चंद्रवंशी द्वारा विचार व्यक्त किया। सूत्र सम्मान में बडोदरा के कवि नरेश चंद्रकर को अतिथि के रूप में उपस्थित होना था लेकिन बडोदरा में आये प्राकृतिक विपदा की चलते वह आ नहीं सके तो उन्होंने अपना संदेश भेजा था । जिसका पाठ संचालन करते हुए कवि कमलेश्वर साहू ने किया ।
शरद कोकास की कविताओं पर कवि रजत कृष्ण के आलेख का पाठ नंदन ने किया रजत ने शरद कोकास की कविताओं को विराट संसार से जुड़ने वाला कवि कहा, वैज्ञानिक सोच के साथ इस समय वे एक जीवंत कवि हैं जो उन्हें अपने समकालीनों से अलग और विशिष्ट बनाता है। मंच का संचालन करते हुए कमलेश्वर साहू ने कवि शरद कोकास की कविताओं को सहज माना, कमलेश्वर ने उनकी महत्वपूर्ण कविताओं पर से प्रकाश डाला। युवा आलोचक अजय चंद्रवंशी ने शरद कोकास की कविताओं पर बोलते हुए कहा कि शरद की कविताएं वैज्ञानिक जीवन बोध से होकर गुजरती है जो विस्तृत गहन संसार रचती हैं जिससे शरद कोकास को पढ़ने वाला पाठक उनकी कविताओं के माध्यम अपने समय को बखूबी देख पाता है।
वरिष्ठ कवि नासिर अहमद सिकंदर ने शरद कोकास की कविताओं पर बोलते हुए कहा कि शरद कोकास अपने दौर के सबसे विलक्षण कवि हैं। आगे उन्होंने कहा कि शरद की प्रारम्भिक समय की कविताएं हों या उनकी छोटी व लंबी कविताओं हों वह अपना एक अलग जीवन गढती हैं जिसमें इतिहास, पुरातत्व का जीवन भी है । उन्होंने शरद की लंबी और छोटी- कविता के कवि को विस्तृत रूप से पढने समझने की दृष्टि पर बात की। आगे नासिर ने कहा कि शरद की कविताएं सिर्फ वैज्ञानिक जीवन मात्र की कविता नहीं है बल्कि समय के अनुसार ढल कर विचार, इतिहास पर उनकी कविताएं खड़ी होती हैं। मुख्य अतिथि के आसंदी से त्रिलोक महावर ने शरद कोकास की लंबी, छोटी कविताओं का उल्लेख किया, उन्होंने कहा की अनेकों बार शरद की कविताओं को हम अलग-अलग नजरिया से देखते हैं |
बावजूद इसके हम जानते हैं कविता की मांग क्या है? कवि शरद कोकास को उन्होंने शब्द के साथ विचार का कवि कहा! सूत्र सम्मान में कल्याण कालेज के प्राचार्य के अलावा हिन्दी विभाग के प्रमुख सुधीर शर्मा ने भी अपने विचार रखे। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में ऋषि गजपाल के नये कथा संग्रह का विमोचन अतिथियों द्वारा किया। कार्यक्रम का सफल संचालन कमलेश्वर साहू द्वारा किया गया। कार्यक्रम के आरंभ में सूत्र के विजय सिंह ने संक्षिप्त में सूत्र सम्मान की रचना यात्रा पर प्रकाश डाला।
कवि - कथाकार नंदन द्वारा लोक कवि ठा. पूरन सिंह के कृतित्व पर अपने महत्वपूर्ण आलेख का पाठ किया। सूत्र सम्मान में लेखक कवियों की उपस्थिति महत्वपूर्ण थी जिसमें विशिष्ट हैं परदेशीराम वर्मा , लोकबाबू, रवि श्रीवास्तव ,डी.एन शर्मा, विनोद साव , सरला शर्मा , परमेश्वर वैष्णव, मणिमय मुखर्जी, मांझी अनंत, पथिक तारक , मांघी लाल, विजय वर्तमान , सूरज प्रकाश राठौर, स्मिता, श्रीदेवी, प्रांजल सिंह , सहित छत्तीसगढ़ के दूरस्थ अंचलों के रचनाकारों की उपस्थिति महत्वपूर्ण रही । कार्यक्रम के अंत में सूत्र से जुड़ी सरिता सिंह द्वारा आभार व्यक्त कर कार्यक्रम का समापन किया गया ।