रीवा। समशेर सिंह गहरवार । मध्य प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पहल के पश्चात मनगवां महाविद्यालय अस्तित्व में आया । कुछ समय तक महाविद्यालय की शैक्षणिक गतिविधियां सब कुछ ठीक-ठाक चली। वर्तमान में जब से शासकीय महाविद्यालय नई गढ़ी की प्रोफेसर डॉक्टर राजवती दीपांकर को प्रभारी प्राचार्य का दायित्व सौपा गया। विरोध बढ़ने लगा विरोध के भंवर जाल में महाविद्यालय फंसे होने से छात्रों के भविष्य पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। पता चला है कि इस मामले को लेकर कलेक्टर रीवा अल्प प्रवास आई और महाविद्यालय में शैक्षणिक गतिविधियों के संबंध में चर्चा करते हुए आकस्मिक निरीक्षण भी किया था।
जिसमें भारी अवस्थाएं खुलकर सामने आई थी। इसके जिम्मेदार प्राचार्य को फटकार लगाते हुए व्यवस्था सुधारने निर्देशित किया गया था। इसके बाद अधिवक्ता संघ के दखलने राजनीतिक रूप दे लिया। तहसील अधिवक्ता संघ के प्रतिनिधिमंडल ने एक ज्ञापन सौपा लेकिन कलेक्टर ने इस पर गौर ही नहीं किया। महाविद्यालय की व्यवस्थाएं सुधारने की बजाय और भी बिगड़ती गई। अंततः महाविद्यालय मनगवां में पढ़ने वाले छात्रों को अब अपना भविष्य अंधकारमय लगने लगा है ।
प्रभारी प्रचार के खिलाफ
जनभागीदारी समिति पता चला है कि जन भागीदारी समिति के अध्यक्ष संजय द्विवेदी ने प्राचार्य के खिलाफ शिकवा- शिकायत करते हुए शासकीय राशि के दुरुपयोग का आरोप लगाया है। शिकायती पत्र में उल्लेख करते हुए कहा गया है कि प्राचार्य द्वारा फर्जी बिल वाउचर के जरिए राशि आहरण कर लिया गया। इसके अलावा वहां का स्थानीय स्टाफ भी प्राचार्य को बदनाम करने प्रयास में जुटे हैं।
हो चुका है अनशन भी सामाजिक कार्यकर्ता गांधी विचार
मंच के संयोजक रामेश्वर गुप्त ने महाविद्यालय के सामने आमरण अनशन में बैठे और तीन ही घंटे उपरांत श्री गुप्ता ने समझौता करके अपना अनशन समाप्त कर दिया। लिहाजा महाविद्यालय वर्तमान समय पर राजनीति का शिकार हो रहा है । और छात्र अपने भविष्य को लेकर चिंता में डूबते जा रहे हैं।
भेजी जा चुकी है जांच रिपोर्ट
उच्च शिक्षा के क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक डॉक्टर ए पी सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि। मनगवां महाविद्यालय प्राचार्य मामले में शिकायतकर्ताओं द्वारा की गई शिकायतों की जांच अपने स्तर पर करवा चुके हैं। जनभागीदारी समिति के माध्यम से जो खरीदारी की गई थी उसमें वित्तीय अनियमित पाई गई थी। जिसकी रिपोर्ट सबमिट करके हमारे द्वारा आयुक्त को भेजी जा चुकी है। जो कुछ भी कार्रवाई होगी वहीं से होगी। अब तक अब संबंधित आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं हो सकी यह उच्च अधिकारी ही अच्छे तरीके से बता सकते हैं हम नहीं। हमारे अधिकार जितना था हमने कर दिया।