रीवा । समशेर सिंह गहरवार। आयोजित संगोष्ठी की अध्यक्षता अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. राजकुमार आचार्य ने की। आयोजन समिति के अध्यक्ष डॉ.अनुराग मिश्र ,सहायक प्राध्यापक हिंदी विभाग ने बताया कि व्याख्यानमाला की मुख्य वक्ता एवं मुख्य अतिथि डॉ मीरा सिंह थी जो वर्तमान में अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी साहित्य प्रवाह अमेरिका की संस्थापक हैं। डॉ. सिंह ने दुनिया के अनेक देशों में हिंदी भाषा के प्रचार प्रसार के लिए सतत रूप से कार्य कर रही हैं।
मुख्य वक्ता के रूप में व्याख्यान देते हुए डॉ. मीरा सिंह ने कहा कि साहित्यिक और सांस्कृतिक धरोहर की पहचान करना एवं उसका संरक्षण करना हम सभी का मानवीय दायित्व है।अपने अस्तित्व की रक्षा के लिए हमें इन धरोहरों को बचाना होगा। इन्ही से हमारी जीवन शैली,सामाजिक व्यवहारों का निर्माण होता है। संस्कृति और साहित्य दोनों हमारे चिन्तन का निर्माण करते हैं और यही चिन्तन राष्ट्र और विश्व में परिवर्तन की दिशा तय करता है।आपने वर्तनी को लेकर भी कई उदाहरणों के माध्यम से छात्रों के सामने बातें रखी।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रो. राजकुमार आचार्य,कुलगुरु ने अपने वक्तव्य में कहा कि हिन्दी का विशाल साहित्य अपने वैभव से परिपूर्ण है।भारतीय परंपरा में वेद हमारे आदि ग्रंथ है,वेदों से लेकर वर्तमान लेखन तक साहित्य समाज को दिशा देने का काम करता रहा है और कर भी रहा है। उपस्थित छात्रों एवं शोधार्थियों को निरंतर साहित्य का अध्ययन करते रहने का सुझाव दिया एवं साथ ही भारतीय संस्कृति को हर हाल में संरक्षित रखने का आह्वान भी किया।
संगोष्ठी में विषय परिचय एवं पूर्व पीठिका हिन्दी विभाग के अध्यक्ष प्रो. दिनेश कुशवाह ने प्रस्तुत की। सभी अतिथिगण का धन्यवाद ज्ञापित प्रो. अनुराग मिश्र ने किया। संगोष्ठी का संचालन सीएम राइज पी. के. स्कूल के शिक्षक शिवानंद तिवारी ने किया।
संगोष्ठी के प्रथम चरण में काव्य पाठ का शानदार दौर चला जिसमें शिवानंद तिवारी,स्नेहा त्रिपाठी एवं क्रांति पाण्डेय ने अपने काव्य पाठ से श्रोताओं को खूब आनंदित किया। गणित विभाग के सभागार में आयोजित इस व्याख्यानमाला में विभिन्न विभागों के प्राध्यापक गण उपस्थित रहे जिनमें डॉ. अतुल तिवारी,डॉ. कमलेश गौतम,डॉ श्रवण पाण्डेय,डा. श्रवण मिश्रा,प्रो.आर.एन. तिवारी,डा. बारेलाल जैन,डॉ.कमलाकर पाण्डेय सहित अन्य विद्वान प्राध्यापक गण उपस्थित रहे। इसके अलावा हिन्दी विभाग,बीएड विभाग एवं अन्य विभागों के छात्र-छात्रा व शोधार्थी व्याख्यानमाला में उपस्थित रहे।