रीवा। समशेर सिंह गहरवार। रीवा संभाग के सभी जिलों में आजीविका का मुख्य आधार खेती है। वर्तमान समय में धान की कटाई और गहाई के साथ गेंहू और चने की बुवाई का कार्य चल रहा है। खेतों में पलेवा देने और सिंचाई के लिए बिजली की मांग लगातार बढ़ रही है। ग्रामीण क्षेत्र में किसानों को सिंचाई के लिए 7 से 10 घंटे तक बिजली की आपूर्ति की जा रही है। बिजली की नियमित आपूर्ति बनाए रखने के लिए खराब ट्रांसफार्मर लगातार बदले जा रहे हैं। रीवा संभाग के सभी जिलों में एक अप्रैल से 30 नवम्बर तक 5170 खराब ट्रांसफार्मर बदलकर उनके स्थान पर नए ट्रांसफार्मर लगाए गए हैं।
इस संबंध में मुख्य अभियंता विद्युत वितरण कंपनी आईके त्रिपाठी ने बताया कि रीवा संभाग में कुल 62263 ट्रांसफार्मर स्थापित हैं। इनमें से रीवा जिले में 21251, मऊगंज में 4786, सतना में 18045, मैहर में 4458, सीधी में 6543 तथा सिंगरौली जिले में 7180 ट्रांसफार्मर स्थापित हैं। अप्रैल माह से 30 नवम्बर तक रीवा जिले में 1557, मऊगंज में 392, सतना में 1794, मैहर में 457, सीधी में 483 तथा सिंगरौली जिले में 487 खराब ट्रांसफार्मर बदलकर इनके स्थान पर नए ट्रांसफार्मर लगाए गए हैं। अभी 164 ट्रांसफार्मर बदलने के लिए शेष हैं। इनमें लंबित बिलों की 10 प्रतिशत न्यूनतम राशि जमा कराकर ट्रांसफार्मर बदले जा रहे हैं।
त्रिपाठी ने बताया कि क्षेत्रीय स्टोर सतना में 1233 ट्रांसफार्मर उपलब्ध हैं। सीधी जिले में अतिरिक्त स्टोर बनाकर सीधी और सिंगरौली को ट्रांसफार्मर दिए जाते हैं। संभाग के सभी जिलों में अतिरिक्त ट्रांसफार्मर उपलब्ध हैं। खराब ट्रांसफार्मर तीन दिन की समय सीमा में बदलने का प्रयास किया जाता है। कई स्थानों में खेतों में फसल होने अथवा सिंचाई के कारण वाहन ट्रांसफार्मर तक न पहुंच पाने के कारण ट्रांसफार्मर बदलने में एक सप्ताह या उससे अधिक समय लग रहा है। बिजली बिलों में सुधार के लिए सभी विद्युत वितरण केन्द्रों में हर माह शिविर लगाए जा रहे हैं। विद्युत वितरण संबंधी जो शिकायतें सीएम हेल्पलाइन 181 तथा विभागीय हेल्पलाइन 1912 पर दर्ज हो रही हैं उनका भी तत्परता से निराकरण किया जा रहा है।