रीवा। समशेर सिंह गहरवार। राम महायज्ञ में हजारों संत शामिल होगें। रासलीला और प्रवचन का कार्यक्रम होगा। प्रतिदिन मालपुआ और खीर का भंडारा होगा। इस महायज्ञ को लेकर लोगों में अपार उत्साह देखने को मिला है। राजस्थान के कारीगर यज्ञशाला का निर्माण करने में जुटे है।
तपोनिष्ठ राष्ट् संत सनकादिक महाराज ने प़त्रकारों को बताया कि रीवा की धरती में पहली बार 1008 कुण्डीय श्रीराम महायज्ञ आगामी 7 दिसम्बर से होने जा रहा है। 15 दिसम्बर को विशाल भण्डारे के साथ यज्ञ का समापन होगा। यज्ञ से पहले 7 दिसम्बर को यज्ञस्थल झलबदरी धाम झुरहा बाबा आश्रम विश्वविद्यालय के समीप से सुबह 8 बजे कलश यात्रा निकाली जाएगी। उन्होने बताया इस कलश यात्रा में 10 हजार से अधिक लोगों के शामिल होने की उम्मीद है। हजारों पुरुष सफेद धोती और कुर्ते में रहेंगे जबकि महिलाएं पीले रंग की साड़ी पहनकर कलश लेकर चलेंगी। कलश यात्रा का जगह.जगह स्वागत किया जाएगा।
तपोनिष्ठ राष्ट्रीय संत सनकादिक महाराज ने बताया कि इस महायज्ञ का उद्देश्य जन कल्याण है। इस सवाल पर कि रीवा को ही आपने 1008 कुण्डीय श्रीराम महायज्ञ के लिए क्यों चुना। इसके जवाब में सनकादिक महाराज ने कहा कि सब प्रभू की इच्छा। रीवा धर्म की नगरी है। यहां के लोग धर्म और आध्यात्म के प्रति समर्पित है। सनकादिक महाराज ने बताया कि 1008 यजमान आहुति के लिए लोग आगे बढकर अपनी भूमिका निभा रहे हैं। एक कुण्ड में चार जोड़े तक हवन कर सकते हैं। यज्ञ सुबह 7 बजे से 2 बजे तक चलेगा 3 बजे से प्रवचन होगा। रात में वृन्दावन की मण्डली द्वारा रासलीला का कार्यक्रम है। इसी बीच संत सम्मेलन भी आयोजित होगा। जिसमें हजारों संत भाग लेंगे।
इस मार्ग से निकलेगी कलश यात्रा
सनकादिक महाराज ने बताया कि कलश यात्रा सुबह 8 बजे झुरहा बाबा आश्रम से निकलेगी जो विश्वविद्यालय मार्ग से होते हुए सिरमौर चौराहा अमहिया मार्ग कलामंदिर सांई मंदिर प्रकाश चौराहा खन्ना चौराहा विक्रम पुल के पहले से पचमठा धाम जाकर जल लेगी। इसके बाद कलश यात्रा वहां से रिवर फ्रंट होकर जय स्तंभ पहुंचेगी। जय स्तंभ से पुराना बस स्टैण्ड कालेज चौराहा सिरमौर चौराहा बोदाबाग रोड से अजगरहा होकर यज्ञस्थल पहुंचेगी ।