रीवा। न्यूज़ डेस्क | सेमरिया विधान सभा के विधायक अभय मिश्रा ने कहा कि सिरमौर क्षेत्र में दो आदिवासियों की मौत हो गयी है। यह मौत हैजा और डायरिया की वजह से हुई है। स्वास्थ्य विभाग की उपेक्षा की वजह से सभी मरीज भगवान भरोसे हैं। इसलिए कि वहां डाॅक्टर उन्हें देखने तक नहीं गया। सिरमौर अस्पताल में अभी भी 15 लोग भर्ती हैं।
सेमरिया विधायक अभय मिश्रा का आरोप है कि वहां की जनता ने मुझे वोट देकर जीताया है। यही उनका अपराध है। मेरे विधान सभा की जनता के स्वास्थ्य के प्रति प्रशासन की उपेक्षा समझ से परे है। मेरा सरकार से निवेदन है कि मुझे आंदोलन और धरना प्रदर्शन के लिए बाध्य न किया जाए।
मौत पर राजनीति-
सिरमौर विधान सभा में दो आदिवासियों की हैजा और कालरा से हुई मौत को लेकर स्वास्थ्य अमला और सेमरिया विधान सभा के विधायक अभय मिश्रा आमने सामने हैं। चूंकि स्वास्थ्य मंत्री राजेन्द्र शुक्ला हैं,इसलिए स्वास्थ्य विभाग नहीं चाहता कि दो आदिवासियों की मौत पर उन पर कोई उंगली उठे। वहीं अभय मिश्रा इसे राजनीतिक तूल दे रहे हैं। इससे इंकार नहीं किया जा सकता कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग बीमार है। क्योंकि ग्रामीण दावा कर रहे हैं कि हैजा और कलरा से ही दो आदिवासियों की मौत हुई। जाहिर है कि चिकित्सक इसे झूठी खबर बताकर मौत पर पर्दा डाल रहे हैं। अस्पताल में भर्ती अन्य 15 मरीजों में से किसी भी मौत होती है तो यही माना जायेगा कि स्वास्थ्य मंत्री को भी स्वास्थ्य विभाग अंधेरे में रखता है।
हैजा-कालरा फैलने के बात झूठी-
स्वास्थ्य अधिकारी डॉ संजीव शुक्ला का कहना है कि हैजा डायरिया से मौत नहीं हुई है। चचाई के नई बस्ती इलाके में मैंने डॉक्टरों की टीम को भेजा था। एक 70 वर्षीय महिला की मौत हुई है। जिसके संबंध में दावा किया जा रहा है कि उसकी मौत उल्टी-दस्त से हुई है। जबकि उसकी मौत उल्टी-दस्त से नहीं हुई है। इसके अलावा शाहपुर निवासी एक व्यक्ति की मौत भी हुई है। जिसे उल्टी-दस्त के साथ अलग तरह की स्वास्थ्य संबंधी जटिलताएं थी। चचाई में 15 बच्चे प्रभावित नहीं मिले हैं। बस्ती में एक-दो बच्चे बीमार अवस्था में मिले हैं। जिसके बारे में स्टूल सैंपल कलेक्ट किए गए हैं। ताकि पता लगाया जा सके कि उन्हें क्या बीमारी है। मैं लगातार बीएमओ सिरमौर के संपर्क में हूं। सिरमौर में अभी स्वास्थ्य कैंप का आयोजन भी किया गया है।
आदिवासी बस्ती में फैली बीमारी
वार्ड क्रमांक 11 के जनपद सदस्य रामलाल कोल का कहना है कि हमारे चचाई आदिवासी बस्ती में कालरा की बीमारी फैली हुई है। उल्टी.दस्त का प्रकोप है। लेकिन शासन.प्रशासन किसी तरह से ध्यान नहीं दे रहा है। जिसकी वजह से एक आदिवासी भाई की मृत्यु हो चुकी है। इसके पहले भी एक आदिवासी भाई की मृत्यु हुई थी। स्वास्थ्य विभाग के लोग यहां नहीं पहुंचे हैं। मैं मुख्यमंत्री से गुहार लगाता हूं कि हमारे चचाई ग्राम पंचायत में शिविर लगाकर जन.जन का इलाज कराया जाए। ताकि गरीब जनता की जान बच सके।