नागपुर । एड अब्दुल अमानी कुरैशी । प्राचीन मंदिर होने के साथ अद्भुत चमत्कार व आस्था का स्थान बना हुआ है । इस मंदिर के कालीमाता मंदिर में दुर्गा, काली, दादाजी धुनिवाले, भगवान भोले का शिवलिंग, गणपति, नागदेवता आदि की प्रतिमाएं स्थापित की गई है ।
इस मंदिर की देखभाल व प्रतिमाओं की पूजा-अर्चन विशेष दादाजी धुनिवाले ने दी थी भेंट इस मंदिर का कायाकल्प करने के लिए केशवानंद उर्फदादाजी धुनिवाले महाराज खंडवा द्वारा भेंट देकर इस जागृत देवस्थान का पुनर्निर्माण करने के लिए परिसर का जायजा लिया व हरिनारायण जायसवाल, हरिश्चंद्र पोटभरे को इस मंदिर को नये सिरे से निर्माण करने की सूचनाएं दी । इस बाद से निरंतर मंदिर परिसर में जैसे-जैसे निधि उपलब्ध होती गई वैसे-वैसे मंदिर का निर्माण कार्य किया जाने लगा ।
पोटभरे निरंतर अग्रेसर रहते है । नवरात्रि उत्सव पर भव्य महाप्रसाद का वितरण होता है । इस मंदिर परिसर में प्राचीन काल से बड़े बर्गद व नीम का व अन्य पेड़ आज भी प्राकृतिक सौंदर्य संभाल रहे है ।