April 12, 2024


किसकी कितनी बिसात : जनता को नहीं सुहा रहा कांग्रेस का ‘हाथ’

रूझान को जज्ब करने में क्या कांग्रेस सफल होगी


रीवा,(रमेश कुमार ‘रिपु’)। सत्ता विरोधी रूझान को जज्ब करने में क्या कांग्रेस सफल होगी? यह सवाल तेज धूप की तरह चटख है। यदि नीलम अभय मिश्रा लोकसभा चुनाव जीत गयीं, तो यह मोदी के लिए चुनौती नहीं होगी। बल्कि डिप्टी सी.एम.राजेन्द्र शुक्ला के लिए चुनौती होगी। जनार्दन मिश्रा चुनौती के खाके में आते ही नहीं। लेकिन सच्चाई यही है,कि कांग्रेस का हाथ जनता के साथ केवल 45 फीसदी है। जबकि बीजेपी के साथ 65 फीसदी। जाहिर सी बात है, कि कांग्रेस अभी फाइट के नजदीक नहीं है। वह मुकाबले के करीब पहुंचेगी कि नहीं,यह अभय मिश्रा भी नहीं जानते।


स्थानीय मुद्दा कुछ नहीं..

लोकसभा चुनाव और विधान सभा चुनाव का मैदान एक नहीं होता। विधान सभा चुनाव जीत जाना और लोकसभा चुनाव के चक्रव्यूह को भेद लेने में फर्क है। नीलम अभय मिश्रा के अकेले दम की बात नहीं है,कि वो दस साल के सांसद को बड़ी असानी से खो कह देंगी। आरोप से चुनाव नहीं जीते जाते। जनार्दन मिश्रा ने दस साल में रीवा के लिए कुछ नहीं किया। संसद में कोई सवाल नहीं उठाए। यह मुद्दा नहीं है। जबकि अभय और नीलम मिश्रा इसे मुद्दा समझते हैं। राजनीति की दशा और दिशा सिर्फ इन दो बातों से नहीं बदल सकती।


जनार्दन का रक्षा कवच..

जनार्दन मिश्रा के सामने मोदी नाम का रक्षा कवच है और डिप्टी सी.एम.राजेन्द्र शुक्ला की ताकतहै। किसी भी चुनावी समर को बदल देने की कुवत रखते हैं,यह दो सियासी ताकतें। अभी जिले में मोदी की आमसभा हुई नहीं है। न ही अमितशाह आए हैं। ये सियासी चाणक्य खामोश बेठे बीजेपी के विधायकों का नजरिया बदल देने की कुव्वत रखते हैं। मोदी के लिए एक- एक बीजेपी प्रत्याशी का जीतना जरूरी है। चाहे किसी भी कीमत पर। विध्य की चार सीट जीताकर देने का दायित्व डिप्टी सी.एम.राजेन्द्र शुक्ला पर है। रीवा बीजेपी हार भी गयी तो कोई बात नहीं,लेकिन तीन सीट बीजेपी नहीं जीत सकी तो राजेन्द्र शुक्ला की सियासत की हार्ट बीट बढ़ सकती है। और राजेन्द्र शुक्ला ऐसा होने नहीं देंगे।


अभी ऐसा नहीं लगता..

बीजेपी के दमदार दो कवच को नीलम अभय मिश्रा दमदार ललकार से भेद लेंगी,अभी ऐसा नहीं लगता। यह चुनाव मोदी की लोकप्रियता बनाम पैसे की राजनीति के बीच है। जनार्दन मिश्रा यह जानते हैं,कि वे अकेले चुनाव नहीं लड़ रहे है। उनके लिए मोदी का नाम। मोदी की गारंटी। प्रदेश सरकार की लाड़ली बहना। और साथ में उनके डिप्टी सी.एम.की मौजूदगी ही बहुत कुछ है। अभय मिश्रा की सियासी खुन्नस जनार्दन मिश्रा से और राजेन्द्र शुक्ला से बरसों से है। सियासी खुन्नस अब आमने-सामने है।


लौह महिला कहलाएंगी..

जनार्दन मिश्रा के साथ सात विधायक हैं। यानी जिले की सबसे बड़ी सियासी ताकत है। भले विधायक उनका साथ दें या न दें। लेकिन कहने के लिए तो हैं ही। दूसरी ओर विधायक अभय मिश्रा, जिला ग्रामीण कांग्रेस अध्यक्ष इजीनियर राजेन्द्र शर्मा है। महिला कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष कविता पांडेय हैं। सातों विधान सभा के पूर्व प्रत्याशी में केवल सुखेन्द्र सिंह बन्ना दिखते हैं। नीलम अभय मिश्रा को पुरुष सत्ता और मजबूत सियासी के खिलाफ आवाज विधान सभा से सड़क तक उठाना पड़ा है। दोनों जगह सत्ताई ताकत रही। नीलम अभय मिश्रा कट्टर नारीवादी तो नहीं है।लेकिन उनमें माद्दा है,जिस पर अभय मिश्रा नाज कर सकते हैं। बड़ी बेबाकी से गैर राजनीतिक नीलम अभय मिश्रा अपनी बात ग्रामीणों के समक्ष रख रही हैं। जिले की सियासत में नीलम अभय मिश्रा लौह महिला साबित होंगी, यदि वो जनाईन मिश्रा को हरा दीं।


सत्ता विरोधी छवि..

नीलम की छवि सत्ता विरोधी है। सादगी पूर्ण,सिल्क,कोसा सिल्क अथवा काजीवरम की साड़ी करीने से पहनती है। आलीशान फार्म हाउस में रहती हैं। पैरों में महंगी चप्पल पहने हुए,न कोई साज सज्जा,न कोई विशेष आभूषण और बेदाग छवि है। बुनियादी तौर पर सड़क की योद्धा नहीं हैं । बावजूद इसके गांव-गांव घूम रही हैं। हर गांव में एक सजा सजाया पंडाल। कुर्सियां। साथ ही बिसलरी की पानी की बोतल। और काजू,पिस्ता के साथ नमकीन आदि टेबल पर। भीड़ नीलम अभय मिश्रा को सुनने उमड़ती है या फिर पहले से तय लोग आते हैं। राजनीति में कुछ भी हो सकता है। कोई दावा नहीं कर सकता। गांव में मोदी के खिलाफ एंटीइन्कमबैसी जैसा कुछ भी नहीं है। आठों विधान सभा के नगर पंचायत में 50-50 फीसदी में वोटर बंटा है। जबकि ग्रामीण अंचल में बीजेपी 55 फीसदी और कांग्रेस 45 फीसदी के तापमान में यलगार है।


चमकती रईसी का जल्वा..

लोकसभा चुनाव कैसे जीतना है,यह राजेन्द्र शुक्ला को पता है। जनार्दन मिश्रा अकेले अपने दम पर मोदी के लिए वोट बटोर लें,ऐसा कोई चमत्कार उनके पास नहीं है। टायलेट साफ करते और बच्चों को नहलाने की सादगी सियासी संस्कार हो सकती है। आदत नहीं। सादगी के लिए बड़ा दिखना जरूरी नहीं है,बल्कि बड़ा होना जरूरी है। हर सियासी सादगी वाला हो जरूरी नहीं। जनार्दन मिश्रा भी औरों की तरह दोहरापन ओढ़ते और बिछाते है। सियासत करने वाले का यह अपना संस्कार है।एक तरफ करोड़ों के मालिक हैं। दूसरी ओर सादगी भरा जीवन जीने की तस्वीर दिखाते हैं। उनके पास सियासी भाषा नहीं है। गांव की बोली है। गांव का चरित्र है। गांव का जीवन है। दूसरी ओर नीलम अभय मिश्रा के पास चमकती रईसी है।रीवा लोकसभा के हर विधान सभा की बहू हैं। उन्हें सुनने,देखने और समझने वाली भीड़ गांव में उमड़ती है।महिला हैं। भरी दोपहरी में उनका गांवों की महिलाओं और पुरुष मतदाताओं से मिलना,हैरान कर देता है। उनके खिलाफ बीजेपी उम्मीदवार के पास बोलने के लिए कुछ नहीं है। जबकि नीलम के पास जनार्दन के खिलाफ बोलने के लिए पूरा बही खाता है। बड़ी बेबाकी से मतदाताओं के समक्ष आरोप भी लगाती हैं।


इस सादगी पर मर जावां...

कांग्रेस प्रत्याशी नीलम अभय मिश्रा की साड़ी चार हजार से छै हजार की है,सोने की चूड़ियाँ,हाथ में महंगी घड़ी,मंहगा मोबाइल,वहीं जनार्दन मिश्रा का कुर्ता पैजामा एक हजार रुपए का। एक प्रत्याशी ओढ़ी हुई सादगी लेकर गांव -गांव घूम रहा है,दूसरा प्रत्याशी पैदायशी सादगी परस्त है। सबकी अपनी -अपनी सादगी है। ए.सी.गाड़ी में चलने वाली नीलम अभय मिश्रा की सादगी यही है कि वो इस गर्मी में भी गांवों की महिलाओं के साथ,लोगों के बीच जाकर उनसे वोट मांग रही है। उनके वोट मांगने का लहजा नरम है। वहीं दूसरी ओर अभय मिश्रा तीखे हमले की राजनीति पर विश्वास करते है। वो चाहे डिप्टी सीएम हों या फिर जनार्दन मिश्रा। उनका आरोप है कि दस साल की सांसदी में जनार्दन मिश्रा ने केवल भ्रष्टाचार किया है। जनता के लिए कुछ नहीं किया है। सूचना का अधिकार के तहत मिली जानकरी को गलत नहीं ठहराया जा सकता। जनार्दन मिश्रा भ्रष्टाचार किये है। जनता के पैसे को अपनी सादगी के कुर्ते के जेेब को भरा। राजनीति में हर व्यक्ति ऐसा ही करता है। आज डिप्टी सी.एम.चार हजार करोड़ के मालिक हैं। इसमें किसी को आश्चर्य भी नहीं होना चाहिए। चार बार से मंत्री हैं।

बहरहाल भाजपा और कांग्रेस दोनों ढाई घर से ज्यादा चलने की रणनीति अपने-अपने तरीके से बना रहे हैं। यदि मतदाता की सोच नहीं बदली, तो यह तय है कि रीवा में फिर कमल खिल जाएगा।हाथ गिर जाएगा।इस बार ठाकुर,ब्राम्हण बसपा को वोट नहीं कर रहा है। इसलिए बसपा के जीतने की संभावना अभी नहीं बनी है।







+36
°
C
+39°
+29°
New Delhi
Wednesday, 10
See 7-Day Forecast

Advertisement







Tranding News

Get In Touch

New Delhi

contact@vcannews.com

© Vcannews. All Rights Reserved. Developed by NEETWEE