2019 के बाद से अडानी समूह पर बकाये कर्ज में लगातार बढ़ोतरी आई है। जो अब 2.3 लाख करोड़ रुपये पर जा पहुंची है।
मुंबई। न्यूज डेस्क । हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट के चलते वैसे ही बीते वित्त वर्ष के आखिरी दो महीने अडानी समूह के लिए संकट भरा रहा है। अब ये जानकारी सामने आई है कि वित्त वर्ष 2022-23 में अडानी समूह पर बकाये कर्ज में 21 फीसदी का उछाल आया है जिसमें एक तिहाई कर्ज ग्लोबल बैंकों का बकाया है।
ब्लूमबर्ग के रिपोर्ट के मुताबिक मार्च महीने के खत्म होने पर ये पाया गया कि कंपनी ने 29 फीसदी कर्ज ग्लोबल इंटरनेशनल बैंकों से से लिया है। सात वर्ष पहले कंपनी को कर्ज देने वाले बैंकों में ये अंतरराष्ट्रीय बैंक शामिल नहीं थे। हालांकि डाटा से ये पता लगा कि कंपनी के कर्ज चुकाने की क्षमता में सुधार आया है। इस डाटा से ये पता लगता है कि कैसे गौतम अडानी के अडानी समूह ने हाल के वर्षों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विस्तार करने में सफल रही है जिसमें ऑस्ट्रेलिया से लेकर इजरायल शामिल है।
अडानी समूह की मुख्य लिस्टेड कंपनियों पर बकाया कर्ज 31 मार्च 2023 तक 20.7 फीसदी के उछाल के साथ 2.3 लाख करोड़ रुपये यानि 28 बिलियन डॉलर पर जा पहुंचा है। 2019 के बाद से समूह द्वारा कर्ज लेने में लगातार बढ़ोतरी देखी गई है। देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई का अडानी समूह पर 27000 करोड़ रुपये या 3.3 बिलियन डॉलर कर्ज का एक्सपोजर है। एसबीआई के चेयरमैन ने फरवरी में ये जानकारी दी थी। डाटा से ये भी पता लगा है कि अडानी समूह बकाये कर्ज को लगातार कम करने में जुटी है।
आपको बता दें अडानी समूह के टॉप एग्जीक्यूटिव अलग अलग देशों में जाकर हिंडनबर्ग के रिपोर्ट के बाद समूह के प्रति निवेशकों में भरोसा पैदा करने में जुटे हुए हैं। साथ निवेशकों को कर्ज अडाएगी का भरोसा दिला रहे हैं। हालांकि हिंडनबर्ग रिपोर्ट के अडानी समूह के शेयरों में जो गिरावट आई है उससे समूह के स्टॉक्स अभी तक पूरी तरह उबर नहीं पाये हैं।